डिस्ट्रिब्यूटेड कंप्यूटिंग के नुकसान – Drawback Of Distributed Computing In Hindi

Drawback Of Distributed Computing In Hindi: Distributed Computing” एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें कंप्यूटर की समस्या को कई भागों में विभाजित किया जाता है और फिर प्रत्येक भाग को अलग-अलग कंप्यूटर के द्वारा हल किया जाता है। इसका मतलब होता है कि कई कंप्यूटर एक ही समस्या का समाधान करने में सहायक होते हैं। यहाँ, कंप्यूटर एक-दूसरे की मदद करते हुए समस्या को हल करते हैं। इसे सरल शब्दों में समझने का तरीका यह है कि “Distributed Computing यह बहुत सारे कंप्यूटरों की एक समूह होती है जो एक-दूसरे को सूचनाएँ message-passing के जरिए भेजकर साथ में काम करते हैं।”

इस तकनीक में कंप्यूटर संयुक्त रूप से काम करते हैं ताकि किसी भी विशेष काम को पूरा करने के लिए उनकी ताकत को बढ़ावा मिल सके। इसके माध्यम से बड़े-बड़े और मुश्किल समस्याओं का हल निकलता है और विभिन्न स्थानों पर बिताए गए समय को कम करता है।

“Distributed Computing” में अगर कंप्यूटर आपस में पास-पास होते हैं, तो उन्हें LAN (लोकल एरिया नेटवर्क) की सहायता से जोड़ा जाता है और अगर कंप्यूटर दूर होते हैं, तो उन्हें WAN (वाइड एरिया नेटवर्क) की मदद से जोड़ा जाता है। इस तकनीक का उपयोग नेटवर्क में कई कंप्यूटर सर्वर को एक समूह में जोड़ने और डेटा साझा करने के लिए किया जाता है।

इस तकनीक को “Distributed System” भी कहा जाता है। इसमें कई प्रकार के सॉफ़्टवेयर कॉम्पोनेंट्स शामिल होते हैं जो कंप्यूटर पर उपस्थित होते हैं। डिस्ट्रिब्यूटेड कंप्यूटिंग में जो कंप्यूटर होते हैं, वे लोकल नेटवर्क से जुड़े होते हैं। इसमें विभिन्न प्रकार के कंप्यूटर्स शामिल होते हैं जैसे: मेनफ्रेम कंप्यूटर, पर्सनल कंप्यूटर, वर्कस्टेशन, मिनीकंप्यूटर आदि। इस तकनीक में उपयोगकर्ता की आवश्यकतानुसार कंप्यूटरों को जोड़कर उन्हें बढ़ावा देने का काम करता है।

डिस्ट्रिब्यूटेड कंप्यूटिंग के नुकसान – Drawback Of Distributed Computing In HindiDrawback Of Distributed Computing In Hindi

Types of Distributed Computing in Hindi – डिस्ट्रिब्यूटेड कंप्यूटिंग के प्रकार

1. ग्रिड कंप्यूटिंग

“ग्रिड कंप्यूटिंग” एक प्रकार की वितरित कंप्यूटिंग है, जिसमें कई नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर को एक साथ जोड़कर एक शक्तिशाली कंप्यूटिंग प्लेटफ़ॉर्म बनाई जाती है। यह विशेष रूप से उन कार्यों के लिए उपयुक्त होता है जहां बड़े डेटा सेट्स की प्रोसेसिंग और विशिष्ट गणना का काम होता है।

Sr No. फायदा हानि
1 यह जटिल और बड़ी समस्याओं को तेजी से हल करने में मदद करता है। ग्रिड सॉफ़्टवेयर अभी पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ है।
2 इसके माध्यम से अन्य संगठनों के साथ आसानी से संवाद किया जा सकता है। इसमें कंप्यूटर संसाधनों के बीच तेज़ कनेक्शन की आवश्यकता होती है।
3 हार्डवेयर का उपयोग बेहतर तरीके से किया जा सकता है जो सुरक्षित और सुगम होता है।

 

कृपया ध्यान दें कि यह एक सामान्य तरीके से “ग्रिड कंप्यूटिंग” के लाभ और हानियों की सूची है और यह विशिष्ट परिस्थितियों और आवश्यकताओं पर निर्भर कर सकता है।

2. क्लाउड कंप्यूटिंग

“क्लाउड कंप्यूटिंग” ने वितरित कंप्यूटिंग की दुनिया में क्रांति किया है। यह उपयोगकर्ताओं को आवश्यक संसाधनों और सेवाओं को साझा करने की अनुमति देता है, जैसे कि स्टोरेज, सर्वर, डेटाबेस और सॉफ़्टवेयर, बिना किसी भी भारी निवेश के यानि की बहुत ही कम पैसों में।

Sr No. फायदा हानि
1 डेटा को स्टोर और बैकअप करना इसमें सरल होता है। यदि यूजर के पास अच्छा इंटरनेट कनेक्शन नहीं है तो डेटा एक्सेस करना मुश्किल हो सकता है।
2 जानकारी को साझा करना इसमें सरल होता है। सेवाओं को एक ग्राहक से दूसरे ग्राहक के पास ट्रांसफर करने में संगठनों को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
3 किसी भी कोने से जानकारी तक पहुंच पाना इसमें संभव होता है। क्लाउड कंप्यूटिंग में सुरक्षा होती है, लेकिन हैकर्स डेटा चोरी कर सकते हैं।
4 सॉफ़्टवेयर और हार्डवेयर की देखभाल इसमें सरल होती है।

 

कृपया ध्यान दें कि यह एक सामान्य तरीके से “क्लाउड कंप्यूटिंग” के लाभ और हानियों की सूची है और यह विशिष्ट परिस्थितियों और आवश्यकताओं पर निर्भर कर सकता है।

3. क्लस्टर कंप्यूटिंग

“क्लस्टर कंप्यूटिंग” एक ऐसा तकनीक है जो विभिन्न कंप्यूटरों को एक साथ मिलाकर एक समूह बनाता है, जिससे वे मिलकर किसी विशेष कार्य को संपन्न कर सकें। इस तरीके से जुड़े हुए कंप्यूटर एक साथ मिलकर किसी कार्य को पूरा करने में सहायक होते हैं। “क्लस्टर कंप्यूटिंग” में, आमतौर पर, एक LAN (लोकल एरिया नेटवर्क) का उपयोग किया जाता है।

Sr No. फायदा नुकसान
1. इसकी Performance बहुत ही अच्छी होती है। क्लाउड कंप्यूटिंग का खर्च ज्यादा हो सकता है।
2. इसे विस्तारित किया जा सकता है। समस्याओं का पता लगाना मुश्किल हो सकता है।
3. यह Flexibleहोता है और विभिन्न आवश्यकियों को पूरा कर सकता है। 3- इसके लिए अधिक जगह की आवश्यकता होती है।
4. यह Scalable होता है।
5. क्लस्टर कंप्यूटिंग को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।

 

कृपया ध्यान दें कि यह एक सामान्य तरीके से “क्लस्टर कंप्यूटिंग” के लाभ और हानियों की सूची है और यह विशिष्ट परिस्थितियों और आवश्यकताओं पर निर्भर कर सकता है।

Drawback Of Distributed Computing In Hindi- डिस्ट्रिब्यूटेड कंप्यूटिंग के नुकसान

  1. वर्तमान में, “Distributed Computing” के लिए कोई सॉफ्टवेयर उपलब्ध नहीं होने के कारण, यह एक महत्वपूर्ण चुनौती हो सकती है। क्योंकि डिस्ट्रिब्यूटेड कंप्यूटिंग का मुख्य उद्देश्य संकलन और संचयन के लिए विभिन्न संसाधनों का उपयोग करना होता है, इसमें उपयुक्त सॉफ्टवेयर का अभाव इसकी प्रगति को रोक सकता है।
  2. “Distributed Computing” में सुरक्षा की कमी होती है। जब विभिन्न संसाधनों को एक साथ मिलाया जाता है, तो सुरक्षा की चिंताएं बढ़ सकती है क्योंकि इससे डेटा के अवैध उपयोग का खतरा बढ़ सकता है।
  3. अगर किसी कंप्यूटर या नेटवर्क में समस्या आती है, तो डेटा को अन्य कंप्यूटरों तक पहुंचाने में दिक्कत होती है। इसके कारण, यूजर डेटा को आसानी से एक्सेस नहीं कर पाएंगे और उन्हें काम करने में असुविधा होती है।
  4. “Distributed Computing” यह Programmers के लिए कठिन है।
  5. “Distributed Computing” एक तकनीक है जो कई कंप्यूटरों को एक साथ जोड़कर काम करने की अनुमति देती है, लेकिन थोड़ा महंगा होता है।
  6. “Distributed Computing” में Software Support बहुत कम देखने को मिलता है।
  7. इस “Distributed Computing” में Computing System को Implement करना बहुत मुश्किल होता है।

निष्कर्ष:

“Distributed Computing” एक तकनीक है जिसमें कई कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से जुड़कर एकत्र काम करते हैं। यह तकनीक विशेष कार्यों को दोनों तरफ से साझा करने और समस्याओं के समाधान के लिए उपयुक्त होती है। इसका उद्देश्य संसाधनों का बेहतर उपयोग करना होता है।

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